देवास: कभी साइकिल और बैलगाड़ी से लाते थे पानी, अब हर घर तक पहुँच रहा स्वच्छ जल

देवास:- विकासखंड टोंकखुर्द के ग्राम रणायलकला की तस्वीर अब बदल चुकी है। एक समय था जब यहाँ के लोग बैलगाड़ी, साइकिल या पैदल पानी लाने के लिए दूर-दूर जाते थे। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी को पानी के एक डिब्बे के लिए संघर्ष करना पड़ता था। लेकिन अब जल जीवन मिशन के तहत नलजल योजना ने ग्रामवासियों की जिंदगी में सुखद बदलाव ला दिया है।
ग्राम रणायलकला जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर स्थित है। यहाँ के 361 परिवारों में करीब 1768 लोग रहते हैं। कभी यहां के लोग हैंडपंप, कुएं और आसपास के गाँवों से पानी लाने पर मजबूर थे, लेकिन अब हर घर में नल के माध्यम से स्वच्छ और सुलभ जल पहुँच रहा है।
महिलाओं और बच्चों की जिंदगी में राहत
ग्राम की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती पुष्पा परमार बताती हैं कि नलजल योजना से पहले महिलाएं सिर पर घड़े और बर्तन उठाकर दूर-दूर से पानी लाती थीं। बच्चे भी साइकिल पर केन में पानी भरकर लाते थे। लेकिन अब घर बैठे स्वच्छ पानी उपलब्ध है, जिससे समय और मेहनत दोनों की बचत हो रही है।
ग्राम में जल संरचना हुई मजबूत
जल जीवन मिशन के तहत गाँव में करीब 4700 मीटर पाइपलाइन, एक लाख लीटर क्षमता की उच्चस्तरीय पानी की टंकी और 20 हजार लीटर का सम्पवेल बनाया गया है। जिससे गाँव के हर घर में पर्याप्त दबाव के साथ स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति हो रही है।
ग्राम में पेयजल व्यवस्था के बेहतर संचालन के लिए जल एवं स्वच्छता तदर्थ समिति का गठन किया गया है। समिति में महिलाओं की भागीदारी सराहनीय है। साथ ही गाँव की 5 महिलाओं को जल परीक्षण का प्रशिक्षण दिया गया है, जो समय-समय पर पानी की गुणवत्ता की जाँच करती हैं।
जल जीवन मिशन के अंतर्गत योजना के क्रियान्वयन पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी लगातार निगरानी कर रहे हैं। उपयंत्री श्री योगेश जैन ने बताया कि पहले पानी की आपूर्ति सीमित थी, लेकिन अब हर घर में पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध हो रहा है।
ग्रामीणों के चेहरे पर अब संतोष और मुस्कान है। गाँव में यह परिवर्तन प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के सहयोग से संभव हो पाया है, जिसके लिए ग्रामवासी आभार जता रहे हैं।
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