बड़वाह - नवाचारों से बदली शिक्षा की तस्वीर, विकास शर्मा को किया "भारत श्री सम्मान" से अलंकृत

नवाचारों से बदली शिक्षा की तस्वीर, विकास शर्मा को किया "भारत श्री सम्मान" से अलंकृत
बड़वाह। भारत श्री सम्मान -1 जून 2025 को जयपुर में संपन्न हुआ जिसमें देश,विदेश और प्रदेश की 200 प्रतिभाओं को सम्मानित किया जायेगा, इस बार भी इस प्रोग्राम में 15 देशों के अवार्डीज़ शामिल होंगे।
भारत श्री सम्मान - 2025 समारोह का आयोजन रविवार सुबह 10.00 बजे सुरेश ज्ञान विहार यूनिवर्सिटी- जगतपुरा - जयपुर के कालिंदी ऑडिटोरियम में संपन्न किया गया। जिसमें देश, विदेश और प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में विशेष मुकाम हासिल करने वाले 200 प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया जिसमें से शिक्षा के क्षेत्र में अपने अभिनव प्रयोगों और श्रेष्ठ विद्यार्थी निर्माण की दिशा में किए गए असाधारण कार्यों के लिए जाने जाने वाले प्रतिष्ठित शिक्षक श्री विकास शर्मा को आज भव्या फाउंडेशन द्वारा प्रतिष्ठित 'भारत श्री सम्मान' से सुशोभित गया।
भव्या फाउंडेशन, जो कला, साहित्य और समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तित्वों को सम्मानित करने के लिए प्रसिद्ध है, ने इस वर्ष 'भारत श्री सम्मान' के लिए श्री विकास शर्मा का चयन उनके 'नवाचार श्रेष्ठ विद्यार्थी' कार्यक्रम और शिक्षा में उनके दूरदर्शी दृष्टिकोण को देखते हुए किया। भव्या फाउंडेशन की निदेशक डॉ. निशा जी माथुर ने इस अवसर पर कहा, "श्री विकास शर्मा ने शिक्षा को केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रखकर, उसे छात्रों के सर्वांगीण विकास का माध्यम बनाया है। उनके नवाचारों ने न केवल छात्रों को सीखने के लिए प्रेरित किया है, बल्कि उन्हें भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए भी तैयार किया है। 'भारत श्री सम्मान' देकर हम ऐसे प्रेरक व्यक्तित्व को सम्मानित कर रहे हैं।"
'नवाचार श्रेष्ठ विद्यार्थी' कार्यक्रम एक ऐसा मॉडल है जिसे अन्य विद्यालयों में भी लागू किया जाना चाहिए, ताकि हमारी युवा पीढ़ी केवल अंक लाने वाली मशीन न बने, बल्कि एक रचनात्मक, विचारशील और जिम्मेदार नागरिक के रूप में विकसित हो सके।" उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि शिक्षा में नवाचार समय की मांग है और ऐसे शिक्षकों को पहचानना और प्रोत्साहित करना आवश्यक है। श्री विकास शर्मा, जो खरगोन जिले के प्राथमिक विद्यालय नगावां में अध्यापन कार्य करते हैं, ने अपने 'नवाचार श्रेष्ठ विद्यार्थी' कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों में आलोचनात्मक सोच, समस्या-समाधान, रचनात्मकता और सहयोग जैसे आवश्यक कौशल विकसित करने पर जोर दिया है। उन्होंने पारंपरिक शिक्षण विधियों से हटकर परियोजना-आधारित शिक्षा और प्रयोगात्मक कार्यों को अपनी कक्षाओं में शामिल किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने छात्रों को सामाजिक कार्यों में भाग लेने और सामुदायिक सेवा परियोजनाओं में योगदान करने के लिए भी प्रेरित किया है, जिससे वे जिम्मेदार नागरिक बन सकें।
शर्मा जी से पूछने पर बताया गया कि वे विद्यालय में इस नवाचार के अतिरिक्त कई अन्य नवाचार जैसे कठपुतली कला से शिक्षा, जैविक खाद्य तथा वृक्षारोपण नामक नवाचार भी विद्यालय में करवा रहे हैं, जिसका लाभ विद्यालय में उपस्थित बच्चों को होता है l इस सम्मान समारोह में देश के विभिन्न हिस्सों से शिक्षाविद्, साहित्यकार, कलाकार और समाज सेवी उपस्थित थे। सभी ने श्री विकास शर्मा को इस महत्वपूर्ण सम्मान के लिए बधाई दी और उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएँ दीं।
'भारत श्री सम्मान' भव्या फाउंडेशन द्वारा प्रतिवर्ष उन असाधारण भारतीय नागरिकों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल की है और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए अथक प्रयास किए हैं। इस सम्मान में एक प्रशस्ति पत्र, एक स्मृति चिन्ह स्वरूप शील्ड और राजस्थानी पगड़ी, मेडल शामिल होती है। विगत वर्षों में यह सम्मान साहित्य, कला, विज्ञान और समाज सेवा के क्षेत्र में कई प्रख्यात हस्तियों को प्रदान किया जा चुका है।
श्री विकास शर्मा को मिला यह सम्मान न केवल उनके व्यक्तिगत योगदान को मान्यता देता है, बल्कि यह देशभर के शिक्षकों को भी शिक्षा में नवाचार और उत्कृष्टता के लिए प्रेरित करेगा। यह आयोजन दर्शाता है कि कैसे समर्पण और रचनात्मकता के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाए जा सकते हैं, जिससे हमारी आने वाली पीढ़ी एक उज्ज्वल भविष्य के लिए तैयार हो सके। भव्या फाउंडेशन का यह प्रयास वास्तव में सराहनीय है, जो देश के उन नायकों को पहचान दे रहा है जो समाज को बेहतर बनाने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।
इस प्रोग्राम का मुख्य आकर्षण कुछ आटिज्म वर्रिएर्स, बाल गृह के बच्चों की गायन, वादन और नृत्य प्रस्तुति हुई, जिनमे श्रेयान चक्रबर्ती,तनीषा दलाल और ट्रेजर लैंड एजुकेशन के आटिज्म बच्चों की ग्रुप नृत्य प्रस्तुति दी इन सभी के साथ, आटिज्म बच्चों और शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को उनके विशेष रूप से किये हुए कार्यों के लिए सम्मानित भी किया गया l विकास शर्मा जी ने भव्या फाउंडेशन की निदेशक डॉ. निशा जी माथुर और संस्थापक श्री शैलेंद्र माथुर जी और पूरी टीम का आभार व्यक्त किया है।
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