झाबुआ जिला पंचायत में सियासी भूचाल, कांग्रेस अध्यक्ष पर अविश्वास प्रस्ताव, पार्टी ने अपने ही नेताओं को किया निलंबित

झाबुआ:- जिला पंचायत की सियासत में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस की ज़िला पंचायत अध्यक्षा श्रीमती सोनल जसवंत सिंह भाभर के खिलाफ भाजपा द्वारा लाए जा रहे अविश्वास प्रस्ताव ने कांग्रेस की अंदरूनी कलह को उजागर कर दिया है। खास बात यह है कि इस पूरे घटनाक्रम में कांग्रेस के ही कुछ नेता भाजपा के साथ मिलकर अपनी ही अध्यक्ष के खिलाफ खड़े हो गए हैं।
पार्टी को जब इस अंदरूनी गुटबाजी की जानकारी मिली, तो कांग्रेस ने सख्त रुख अपनाते हुए थांदला विधानसभा क्षेत्र के तीन वरिष्ठ नेताओं गेंदाल डामोर, राजेश डामोर और पूर्व ज़िला पंचायत अध्यक्ष शांति राजेश डामोर को प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। इन नेताओं पर भाजपा के अविश्वास प्रस्ताव को समर्थन देने और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। संगठन ने सभी से जवाब भी तलब किया है।
नाराज कांग्रेस सदस्य पहुंचे भाजपा के खेमे में
सूत्रों के अनुसार सोनल भाभर से उनके ही पार्टी सदस्य नाराज चल रहे थे। आरोप है कि उन्होंने अपने ही दल के ज़िला पंचायत सदस्यों के क्षेत्रों में कोई विकास कार्य नहीं कराया, जिससे असंतुष्ट होकर कुछ सदस्य भाजपा के साथ जा मिले।
झाबुआ ज़िला पंचायत में कुल 14 सदस्य हैं, जिनमें अब 8 भाजपा के साथ बताए जा रहे हैं, जबकि कांग्रेस के पास केवल 6 सदस्य बचे हैं। इनमें से भी कुछ अब भाजपा के संपर्क में बताए जा रहे हैं।
भाजपा को मिल सकता है फायदा
भाजपा की ओर से लाया गया अविश्वास प्रस्ताव अब 15 मई (गुरुवार) को ज़िला पंचायत में मतदान के लिए रखा जाएगा। इससे पहले कांग्रेस में हुई यह कार्रवाई जिले की राजनीति में बड़ा भूचाल ला सकती है। कांग्रेस की चिंता यह है कि मतदान से पहले ही उसके कुछ सदस्य पाला बदल सकते हैं, जिससे पार्टी के हाथ से जिला पंचायत की कमान फिसल सकती है।
What's Your Reaction?






