शक्ति संवर्धन गायत्री यज्ञ में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब, बलवाड़ी गांव बना आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र

Apr 13, 2025 - 22:24
 0
शक्ति संवर्धन गायत्री यज्ञ में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब, बलवाड़ी गांव बना आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र

धार जिले के बलवाड़ी ग्राम में शक्ति पीठ साली टांडा के वार्षिक उत्सव के तहत 4 दिवसीय शक्ति संवर्धन 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का भव्य शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर डोंगलिया पानी, आमलिया और वरला ग्राम से निकली कलश यात्राएं त्रिवेणी संगम बनकर बलवाड़ी पहुंचीं, जिससे पूरा गांव गायत्री मंत्रमय वातावरण में डूब गया।

यात्रा की शुरुआत संत डेमनिया बाबा निषाद राज के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। इस दौरान उनके सामाजिक कार्यों को श्रद्धापूर्वक याद किया गया। कलश यात्रा में हजारों महिलाओं और पुरुषों ने सिर पर कलश धारण कर मांदल की थाप और गायत्री मंत्र की गूंज के साथ सहभागिता निभाई। चिलचिलाती धूप में भी वृद्धजन और बच्चों की आस्था देखते ही बन रही थी।

यात्रा के सफल संचालन में प्रभारी विक्रम जमरे, दयाराम जाधव, संजय बरदे और खुमसिंग चौहान की टीम ने जगह-जगह जलपान और शीतल जल की व्यवस्था की। वहीं, बलवाड़ी व्यापारी संघ और सामाजिक संस्थाओं ने पुष्प वर्षा कर यात्रियों का आत्मीय स्वागत किया।

आयोजन स्थल पर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ यात्रा का समापन हुआ। शांतिकुंज हरिद्वार की टोली के नायक प्रमोद बार्चे ने गायत्री महायज्ञ का शुभारंभ करते हुए गायत्री मंत्र की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गायत्री मंत्र से श्रेष्ठ कोई अन्य मंत्र नहीं है। यह मन की पवित्रता, हृदय की निर्मलता और शरीर की निरोग्यता का अद्वितीय साधन है।

इस अवसर पर शांतिकुंज टोली के भावसिंह तोमर, बलिराम यादव और विनोद नेताम ने भक्ति गीतों से वातावरण को भक्तिमय कर दिया। शक्ति पीठ साली टांडा के व्यवस्थापक नरेंद्र डावर ने शांतिकुंज प्रतिनिधियों का सम्मान किया।

आयोजन की रूपरेखा

मीडिया प्रभारी राजेश पालीवाल ने जानकारी दी कि 13 से 16 अप्रैल तक चलने वाले इस आयोजन में प्रतिदिन सामूहिक साधना, ध्यान-जप, देव पूजन, यज्ञ ज्ञान-विज्ञान सत्र, संगठनात्मक गोष्ठियां, सांस्कृतिक कार्यक्रम और सामाजिक जागरूकता के लिए दीपयज्ञ व नशा मुक्ति संकल्प जैसे कार्यक्रम होंगे। आयोजन के अंतिम दिन पूर्णाहुति और यज्ञ जन्म शताब्दी संकल्प के साथ समापन होगा।

हर दिन करीब 8,000 श्रद्धालुओं के लिए नाश्ता, भोजन और आवास की व्यापक व्यवस्था की गई है। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है बल्कि सामाजिक चेतना और राष्ट्रीय जागरण का संदेश भी प्रसारित कर रहा है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow