25 साल बाद नरभक्षी सीरियल किलर राजा कोलंदर को उम्रकैद, पीता था खोपड़ी का सूप

लखनऊ:- उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की एक विशेष अदालत ने 25 साल पुराने बहुचर्चित दोहरे हत्याकांड में कुख्यात सीरियल किलर और कथित नरभक्षी राजा कोलंदर उर्फ राम निरंजन कोल और उसके सहयोगी बच्छराज को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह फैसला 23 मई 2025 को सुनाया गया, जिसमें दोनों दोषियों पर ₹2.5 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। इस जुर्माने की 80% राशि पीड़ित परिवारों को मुआवजे के रूप में दी जाएगी।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला साल 2000 में पत्रकार मनोज कुमार सिंह और उनके ड्राइवर रवि श्रीवास्तव की अपहरण के बाद हत्या से जुड़ा है। राजा कोलंदर पर 14 से अधिक लोगों की हत्या का आरोप है। उसकी पहचान एक ऐसे नरभक्षी सीरियल किलर के रूप में हुई है जो मृतकों की खोपड़ियों को संग्रहित करता था और कथित रूप से उनका सूप पीता था।
कोर्ट की सुनवाई और सजा
विशेष न्यायाधीश रोहित सिंह की अदालत में यह मामला लंबे समय तक चला। अभियोजन पक्ष ने अपराध की नृशंसता को देखते हुए फांसी की सजा की मांग की थी, लेकिन अदालत ने इसे 'रेयरेस्ट ऑफ द रेयर' की श्रेणी में न मानते हुए उम्रकैद की सजा दी। दोषियों की उम्र और सामाजिक पृष्ठभूमि को आधार बनाकर की गई दया की अपील को अदालत ने खारिज कर दिया।
पीड़ितों को मिला न्याय
इस ऐतिहासिक फैसले से पीड़ित परिवारों को 25 साल बाद इंसाफ मिला है। राजा कोलंदर की दरिंदगी और हत्याओं का सिलसिला लंबे समय तक पूर्वांचल में दहशत का कारण बना रहा। अदालत का यह निर्णय न्याय प्रणाली की दृढ़ता और पारदर्शिता को दर्शाता है, जिसने वर्षों बाद ही सही, लेकिन एक खूंखार अपराधी को उसके अंजाम तक पहुंचाया।
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