50 साल बाद फिर बनी दूल्हा-दुल्हन की जोड़ी, राजपुर में दिखा अनोखा प्रेम समारोह

शादी की 50वीं सालगिरह को बनाया यादगार

May 13, 2025 - 21:37
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50 साल बाद फिर बनी दूल्हा-दुल्हन की जोड़ी, राजपुर में दिखा अनोखा प्रेम समारोह

राजपुर (बड़वानी):- बॉलिवुड फिल्म हम साथ-साथ हैं का प्रसिद्ध गीत है ‘धरती पे रूप मां-बाप का, उस विधाता की पहचान है। यह गीत 12 मई को राजपुर कस्बे में हकीकत बनता नजर आया, जब दो बेटों और बहुओं ने मिलकर अपने माता-पिता की 50वीं शादी की सालगिरह को किसी भव्य विवाह समारोह की तरह मनाया। यह आयोजन समाज के लिए एक प्रेरणास्पद मिसाल बन गया।

कैलाश अग्रवाल और सरोज अग्रवाल की शादी के 50 वर्ष पूरे होने पर उनके बेटों अजय अग्रवाल और विजय अग्रवाल, तथा बहुओं अंजलि और शिखा ने मिलकर इस अवसर को बेहद खास बनाया। बुजुर्ग दंपति को एक बार फिर दूल्हा-दुल्हन के रूप में सजाया गया। विंटेज कार में सवार होकर जब यह जोड़ा बाने के साथ कार्यक्रम स्थल पर पहुंचा, तो माहौल किसी शाही विवाह से कम नहीं था। डीजे, ढोल-नगाड़े, आतिशबाजी और नाचते-झूमते बारातियों के साथ तीन घंटे की यह यात्रा देखने लायक थी।

कार्यक्रम में कैलाश और सरोज अग्रवाल ने स्टेज पर एक-दूसरे के प्रति अपने प्रेम का इजहार किया और गुलाब की वर्षा के बीच वरमाला का आयोजन हुआ। आयोजन के दौरान दोनों बेटों और बहुओं ने अपने माता-पिता के जीवन को एक प्रेरणा बताते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा प्रेम, स्नेह और एकता का संदेश दिया है।

राजपुर नगर परिषद अध्यक्ष शिखा अग्रवाल ने भी इस आयोजन में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि यह केवल एक सालगिरह नहीं, बल्कि उस अटूट बंधन की पुनः पुष्टि है जो उनके माता-पिता के बीच पिछले पांच दशकों से कायम है।

इस आयोजन में सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए। हर कोई इस अनोखी सालगिरह को देखकर अभिभूत था। देर रात तक चला यह समारोह जहां परिजनों के लिए यादगार बन गया, वहीं नगरवासियों के लिए भी यह आयोजन आनंद और प्रेरणा से भरा रहा।

आज के समय में जहां रिश्ते छोटी-छोटी बातों में टूट जाते हैं, वहीं कैलाश और सरोज अग्रवाल की यह स्वर्ण जयंती यह दिखाती है कि प्रेम, समर्पण और पारिवारिक एकता के साथ जीवन को सुंदर और स्थायी बनाया जा सकता है। राजपुर का यह आयोजन समाज को रिश्तों की अहमियत और माता-पिता के सम्मान की एक नई परिभाषा देता है।

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